Bihar board 10th Sanskrit viral question 2022(1) मंगलम पाठ के अनुसार जीव एवं आत्मा के समान में क्या कहा गया है।
यह पाठ उपनिषद से लिया गया उनको रजत महर्षि वेदव्यास जी इस पाठ में ही हमें शिक्षा मिलती है कि विद्वानों लोगों को कहना है कि जिस प्रकार बहती हुई नदी या समुद्र में मिलने पर समुंद्र के समान जिस तरह पानी से पानी मिलकर एक समान हो जाता है ठीक उसी प्रकार विद्वान ईश्वर के देव प्रकाश को प्राप्त कर या भगवान से मिलकर जीव योनि से मुक्ति हो जाता है अर्थात नदियों की भतीजी दर्शन संसारी माया मां को त्याग कर देता है जिस प्रकार छोटी छोटी नदियां अपने नाम कुत्तिया का संबंध में विलीन हो जाती है उसी प्रकार विद्वान अपने नाम को त्याग कर उस दिन श्रेष्ठ पुरुष राम को प्राप्त कर लेता है।
22 February 10th Sanskrit viral subjective questions 2022(2) मंगलम पाठ के आधार पर शब्द का स्वरूप बताएं।
ऋषि ने कहा है कि सत्य की हमेशा जीत होती है असद की हमेशा हार होती है ईश्वर की प्राप्ति होती है ना की संस्कारी वासनाओं में दूर रहने से ही होती है सत्य के मार्ग पर देवता चलते हैं जिसके द्वारा आत्मा का ऋषि ज्ञान पुस्तक के निकट पहुंचते हैं जहां उसका प्रेम का खजाना है ऋषि का आत्म कल्याण के लिए परम सत्य मार्ग को अनुसार जीवनी से मुक्त पाने में सफल होते हैं गीता के श्री कृष्ण का सत केवल मैं हूं मैं हूं।
(3) विवाह संस्कार में कौन-कौन से मुख्य कार्य किए जाते हैं।
विवाह एक पवित्र संस्कार है जिसमें अनेक प्रकार के कर्म कौन होते हैं उनमें बाग धान मंडप निर्माण पर पांच का स्वागत वर वधू का प्रथम निरीक्षण कन्यादान अग्नि स्थापन रानी ग्रहण लाजो हूं सप्तपदी सिंदूर दान आदि होते हैं कुल संस्कार 16 होते हैं।
(4) भारतीय संस्कार का वर्णन किस रूप में हुआ।
भारतीय संस्कृति अतुल्य है जान पूर्व से लेकर मरण मरण उपरांत संस्कार का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है जान से लेकर मरने तक जो किसी भी संस्कृति में देखने को नहीं मिलता भारतीय जीवन के समय-समय पर वेद मंत्रों का पाठ बड़े लोगों का आशीर्वाद हवन और परिवार के सदस्य कब मिलना होता है आज संस्कार व्यंग रूप में प्रयोग किया जाता है संस्कार व्यक्तित्व की रचना करता है प्राचीन संस्कृति ज्ञान संस्कार में उत्पन्न होता है संस्कार मानव के दोषों का परिमार्जन कर गुणों का समावेश करने में योगदान करता है।
(5) स्वामी दयानंद का शिक्षा व्यवस्था का वर्णन करें।स्वामी दयानंद आधुनिक भारत में समाज और शिक्षा का महान उदाहरण एवं समाज सुधारक हुए हैं उन्होंने राष्ट्रीयता को लक्ष्य बनाकर भारत वासियों के लिए पथ प्रदर्शन का काम किया भारतीय समाज में व्याप्त दूध विवादित आ को दूर कर एक नए समाज की स्थापना की जातिवाद छुआछूत शिक्षा धर्म में आडंबर आदि अन्य कृतियों के खिलाफ जागरण पैदा किया।
(6) स्वामी दयानंद को मूर्ति पूजा की प्रतियां अनाश्ता कैसे हुई।
स्वामी दयानंद ने देखा कि शंकर भगवान की मूर्ति पर चूहे चक्कर भगवान पर चढ़ी हुई वस्तुओं को खारा प्रसाद बुखारा और यह मूर्ति कुछ भी नहीं कर रहा है देवता प्रति में नहीं सकती लगता है पाया जाता है इसी कारण स्वामी दयानंद को मूर्ति पूजा के प्रति आस्था नहीं हुई।
(7) रामप्रवेश की प्रतिष्ठा कहां कहां देखी जा रही है।
रामप्रवेश राम की प्रतिष्ठा अपने प्राप्त प्राप्त और केंद्र प्रशासन में बहुत अधिक है उनको प्रशासनिक क्षमता और संकट काल में निर्णय की छमता सबों के लिए आकर्षक वीरभद्र को पार कर प्रशासनिक क्षेत्र में लोकप्रिय हो गया है।
(8) कर्मवीर कथा से में क्या शिक्षा मिलती है।कर्मवीर कथा एक पुरुषार्थी की कथा है जो निडरता एवं दलित जाति में जैसे जन विपरीत परिवेश में रहकर प्रबल इच्छा शक्ति तथा उन्नति की उत्कट कामना के कारण उच्च पद पर पहुंचता है अतः इस कथन से शिक्षा मिलती है कि यदि व्यक्ति में प्रबल इच्छा शक्ति एवं उन्नति करने की उत्कृष्ट काम ना हो तो विपरीत परिस्थितियों में उच्च उच्च पद को प्राप्त कर सकता है तथा बच्चों में आत्मविश्वास तथा आत्मसम्मान उत्पन्न करने वाली।
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